नई दिल्ली: डेनर्माक में सावर्जनिक जगह पर बुर्का पहनना बैन कर दिया गया है. डेनमार्क सरकार ने कहा है कि जो मुस्लिम महिलाएं बुर्का या हिजाब पहनकर सार्वजनिक जगहों पर घूमते दिखेंगी, तो उन पर जुर्माना भी लगाया जाएगा. आपको बता दें कि डेनमार्क की सरकार पहले से ही अपने देश में महिलाओं के बुर्का और हिजाब पहनने पर रोक लगाने की तैयारी कर रही थी.
वहां की सरकार के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के ऐसे पहनावे पर रोक लगाई जाएगी, जिससे चेहरा पूरी तरह ढक जाता हो. ऐसा करने वालों को जुर्माना भी देना पड़ सकता है. फ्रांस, बेल्जियम, बुल्गारिया और जर्मनी जैसे देश पहले ही बुर्के पर बैन लगा चुके हैं.
बुर्का पर बैन के लिए गठबंधन पार्टियों का समर्थन मिल चुका था
इससे पहले डेनमार्क सरकार को सार्वजनिक जगह पर बुर्का पर बैन के लिए पिछले साल अक्टूबर में ही सभी तीनों गठबंधन पार्टियों का समर्थन मिल चुका था. डेनमार्क सरकार से पहले यूरोप में फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, बुल्गारिया और जर्मनी स्टेट बावारिया में बैन लगाया जा चुका है. इसके अलावा जून 2017 में नॉर्वे सरकार ने स्कूल और यूनिवर्सिटिज में बुर्का और हिजाब पर बैन लगाने के लिए प्रस्ताव पास किया था.
आपको ये भी बता दें कि हिजाब और बुर्का दो अलग-अलग चीजें हैं. हिजाब में बाल, कान, गले और छाती को कवर किया जाता है. इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढका होता है, लेकिन चेहरा दिखता है. हिजाब अलग अलग रंग का भी हो सकता है. जबकि बुर्के में में मुस्लिम महिलाओं का पूरा शरीर ढका होता है.
यह भी पढ़ें- स्विटजरलैंड में बुर्का पहनने पर पाबंदी, पकड़े जाने पर भरना होगा 6,50,000 रुपये जुर्माना
स्विटजरलैंड में बुर्का पहनने पर पाबंदी
2015 में स्विट्जरलैंड सरकार ने महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था. दरअसल, साऊथ स्विट्जरलैंड के टिचीनो इलाके में महिलाओं के बुर्का और नकाब पहने पर बैन लगा दिया गया था. इसके साथ ही सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनकर दिखाई देने पर महिलाओं पर तकरीबन साढ़े छह लाख रुपयों का जुर्माना भी लगाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक सरकार ने यह फैसला जनमत संग्रह के दौरान आए नतीजों के बाद लिया गया था. गौरतलब है कि स्थानीय सरकार ने साल 2013 में बुर्का पहनने पर जनमत संग्रह कराया था. इस जनमत संग्रह में जनता से बुर्का पहनने पर उनकी राय पूछी गई थी. तीन में से दो व्यक्तियों ने सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने के खिलाफ वोट दिया है. इस कानून का उल्लंघन करने पर 6500 पौंड के जुर्माने का प्रावधान किया गया था.
Source:-Zeenews
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वहां की सरकार के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के ऐसे पहनावे पर रोक लगाई जाएगी, जिससे चेहरा पूरी तरह ढक जाता हो. ऐसा करने वालों को जुर्माना भी देना पड़ सकता है. फ्रांस, बेल्जियम, बुल्गारिया और जर्मनी जैसे देश पहले ही बुर्के पर बैन लगा चुके हैं.
बुर्का पर बैन के लिए गठबंधन पार्टियों का समर्थन मिल चुका था
इससे पहले डेनमार्क सरकार को सार्वजनिक जगह पर बुर्का पर बैन के लिए पिछले साल अक्टूबर में ही सभी तीनों गठबंधन पार्टियों का समर्थन मिल चुका था. डेनमार्क सरकार से पहले यूरोप में फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, बुल्गारिया और जर्मनी स्टेट बावारिया में बैन लगाया जा चुका है. इसके अलावा जून 2017 में नॉर्वे सरकार ने स्कूल और यूनिवर्सिटिज में बुर्का और हिजाब पर बैन लगाने के लिए प्रस्ताव पास किया था.
आपको ये भी बता दें कि हिजाब और बुर्का दो अलग-अलग चीजें हैं. हिजाब में बाल, कान, गले और छाती को कवर किया जाता है. इसमें कंधों का कुछ हिस्सा भी ढका होता है, लेकिन चेहरा दिखता है. हिजाब अलग अलग रंग का भी हो सकता है. जबकि बुर्के में में मुस्लिम महिलाओं का पूरा शरीर ढका होता है.
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स्विटजरलैंड में बुर्का पहनने पर पाबंदी
2015 में स्विट्जरलैंड सरकार ने महिलाओं के बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था. दरअसल, साऊथ स्विट्जरलैंड के टिचीनो इलाके में महिलाओं के बुर्का और नकाब पहने पर बैन लगा दिया गया था. इसके साथ ही सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनकर दिखाई देने पर महिलाओं पर तकरीबन साढ़े छह लाख रुपयों का जुर्माना भी लगाया जाएगा. जानकारी के मुताबिक सरकार ने यह फैसला जनमत संग्रह के दौरान आए नतीजों के बाद लिया गया था. गौरतलब है कि स्थानीय सरकार ने साल 2013 में बुर्का पहनने पर जनमत संग्रह कराया था. इस जनमत संग्रह में जनता से बुर्का पहनने पर उनकी राय पूछी गई थी. तीन में से दो व्यक्तियों ने सार्वजनिक जगहों पर बुर्का पहनने के खिलाफ वोट दिया है. इस कानून का उल्लंघन करने पर 6500 पौंड के जुर्माने का प्रावधान किया गया था.
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