अहमदाबाद: गुजरात की एक अदालत ने करीब 15 साल पहले गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए धमकी भरे एक ईमेल के मामले में सुनवाई एक बार फिर शुरू कर दी है. मामले में एक स्थानीय निवासी मोहम्मद रिजवान कादरी आरोपी हैं. सरकारी अभियोजक प्रतीक भट्ट ने कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट जे एल परमार ने शिकायतकर्ता से जिरह के साथ पिछले हफ्ते मामले में सुनवाई शुरू कर दी है.
उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई 27 जून को होगी. गुजरात पुलिस के आतंक विरोधी दस्ते के अनुसार कादरी ने दिसंबर , 2002 में मोदी को भेजे एक ईमेल में उन्हें और उनके ‘‘सहयोगियों विहिप, बजरंग दल एवं आरएसएस’’ को फरवरी, 2003 के अंत तक ‘‘खत्म’’ करने की धमकी दी थी. उन्होंने कथित तौर पर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और वीएचपी नेताओं प्रवीण तोगडिया और अशोक सिंघल को "खत्म" करने का भी वादा किया था.
कादरी को ई-मेल का पता लगाने के बाद, 25 फरवरी, 2003 को आईपीसी की धारा 507 (खतरे जारी करने के लिए) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मजिस्ट्रेट की अदालत ने 2007 में कादरी की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद वह गुजरात उच्च न्यायालय चला गया था.
Source:-ZEENEWS
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उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई 27 जून को होगी. गुजरात पुलिस के आतंक विरोधी दस्ते के अनुसार कादरी ने दिसंबर , 2002 में मोदी को भेजे एक ईमेल में उन्हें और उनके ‘‘सहयोगियों विहिप, बजरंग दल एवं आरएसएस’’ को फरवरी, 2003 के अंत तक ‘‘खत्म’’ करने की धमकी दी थी. उन्होंने कथित तौर पर भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और वीएचपी नेताओं प्रवीण तोगडिया और अशोक सिंघल को "खत्म" करने का भी वादा किया था.
कादरी को ई-मेल का पता लगाने के बाद, 25 फरवरी, 2003 को आईपीसी की धारा 507 (खतरे जारी करने के लिए) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. मजिस्ट्रेट की अदालत ने 2007 में कादरी की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद वह गुजरात उच्च न्यायालय चला गया था.
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