Tuesday 24 April 2018

'सिलेंडर दोबारा भरवाने के लिए 800 रुपये कहां से लाएं?'- उज्जवला योजना के लाभार्थियों का छलका दर्द

मंडला : केंद्र सरकार की ओर से ग्रामीणों और आदिवासी महिलाओं के हित में चलाई जा रही उज्जवला योजना जमीनी स्तर पर लागू तो हो गई है, लेकिन असल मायने में इसका लाभ महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है. लाभ का मिलने का कारण है एलपीजी सिलेंडर के दामों में दिनों-दिन बढ़ोतरी होना. जबलपुर से मंडला की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित है आदिवासी बहुल गांव सिंघपुर. सड़क किनारे एक छोटी सी परचून की दुकान चलाने के साथ सिलाई का काम करने वाली गोमती को उज्ज्वला योजना के तहत गैस सिलेंडर और चूल्हा तो मिल गया है, मगर सिलेंडर दोबारा भरवाने के लिए पैसे उसके पास नहीं हैं. लिहाजा, वह फिर से लकड़ी की आंच पर खाना बनाने को मजबूर है.

उसके पास नहीं हैं. लिहाजा, वह फिर से लकड़ी की आंच पर खाना बनाने को मजबूर है.

सिलेंडर दोबारा भरवाने के लिए 800 रुपये कहां से लाएं?
गोमती (30) महज एक ऐसी महिला है, जिसने खुलकर अपनी व्यथा बताई. वह कहती है कि सरकार की योजना अच्छी है, गैस सिलेंडर और चूल्हा सौ रुपये देने पर मिल गया, मगर सिलेंडर खाली होने पर उसे दोबारा भरवाने के लिए आठ सौ रुपये कहां से लाएं? सब्सिडी का पैसा तो बाद में आएगा. गोमती के लिए हर महीने आठ सौ रुपये ईंधन पर खर्च करना आसान नहीं है. वह मुश्किल से दिन में 100 रुपये कमाती है और तीन बच्चों का खर्च उसके सिर पर है. पति खेती करता है, और खेती का बुरा हाल है.

मुफ्त में गैस-सिलेंडर देने की अपील
उसका कहना है कि अगर वास्तव में सरकार चाहती है कि आदिवासी और गरीब महिलाओं की आंखें सुरक्षित रहें, वे स्वस्थ्य रहें तो उसे मुफ्त में गैस सिलेंडर देना होगा, तभी गरीब लोग उसका उपयोग कर पाएंगे, नहीं तो चूल्हा और सिलेंडर सिर्फ घर की शोभा बढ़ाएंगे. सिंघपुर की नजदीकी ग्राम पंचायत सिरसवाही की सुदामा बाई तो सरकारी अमले के रवैए से बेहद खफा है. उनका है कि गैस सिलेंडर के लिए उनसे कई बार आवेदन लिए जा चुके हैं, कभी कहते हैं कि आधार कार्ड की कॉपी दो, तो कभी राशनकार्ड की कॉपी मांगते हैं. कई बार दे चुके हैं, मगर सिलेंडर अब तक नहीं मिला है.

यहां की मुन्नी बाई भी उन महिलाओं में है जो रसोई गैस सिलेंडर के लिए काफी समय से इंतजार कर रही है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दो बड़े और गरीबों के हितकारी डीम प्रोजेक्ट हैं, जिनमें एक हर घर में शौचालय और गरीबों को सस्ती दर पर गैस सिलेंडर मुहैया कराना. आदिवासी अंचल में जाकर यही लगता है कि ये दोनों योजनाएं सिर्फ कुछ इलाकों तक ही कारगर होकर रह गई होंगी, क्योंकि मध्य प्रदेश के निपट आदिवासी इलाके में लोगों को अब तक इस योजना का लाभ ही नहीं मिल पाया है.

प्रधानमंत्री मोदी लगातार इस बात का हवाला देते हुए नहीं थकते हैं कि लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने वाली महिला के शरीर में हर रोज कई सौ सिगरेट के धुएं के बराबर धुआं जाता है. इससे उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है. महिला स्वस्थ्य रहे, इसलिए उसे चूल्हे के धुएं से दूर रखना होगा, लिहाजा उसे सस्ती दर पर गैस सिलेंडर दिया जा रहा है. इसके बावजूद जो हकीकत है, वह गांव और जमीन पर पहुंचकर सामने आती है, आंकड़े भले ही चाहे जो गवाही दें.


Source:-Zeenews

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Monday 23 April 2018

दीपक मिश्रा से पहले इन जजों के खिलाफ लाया गया महाभियोग, जानें क्या हुआ था हश्र

नई दिल्ली: भारत के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ कांग्रेस सहित सात राजनीतिक दलों की ओर से लाए गए महाभियोग प्रस्ताव को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने खारिज कर दिया है. देश के चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग का यह पहला प्रस्ताव था, लेकिन इसे उपराष्ट्रपति ने खारिज कर दिया. ऐसे में कई लोगों के जेहन में सवाल उठ रहे होंगे कि आखिर अपने देश में न्यायपालिका में अहम पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव अब तक कितने बार आया है और उसका क्या हश्र हुआ है. आइए अब तक आए महाभियोग प्रस्ताव पर एक नजर डालते हैं.

1993 में आया पहला महाभियोग प्रस्ताव
आजाद भारत में पहली बार किसी न्यायाधीश को पद से हटाने की कार्यवाही मई 1993 में प्रधानमंत्री पी वी नरसिंह राव के कार्यकाल में हुई थी. उस समय उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश वी रामास्वामी के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था. उनके खिलाफ 1990 में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहते हुये भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के आधार पर पद से हटाने के लिये महाभियोग प्रस्ताव पेश किया गया था. हालांकि यह प्रस्ताव लोकसभा में ही पारित नहीं हो सका था.

2015 में भी हाईकोर्ट के जज के खिलाफ लाया गया महाभियोग
इसके बाद, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश सी वी नागार्जुन रेड्डी और गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश जे बी पार्दीवाला के खिलाफ भी महाभियोग की कार्यवाही के लिये राज्यसभा में प्रतिवेदन दिये गये. न्यायमूर्ति पार्दीवाला के खिलाफ तो उनके 18 दिसंबर, 2015 के एक फैसले में आरक्षण के संदर्भ में की गयी टिप्पणियों को लेकर यह प्रस्ताव दिया गया था. लेकिन मामले के तूल पकड़ते ही न्यायमूर्ति पार्दीवाला ने 19 दिसंबर को इन टिप्पणियों को फैसले से निकाल दिया था.

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस के गंगले के खिलाफ वर्ष 2015 में एक महिला न्यायाधीश के यौन उत्पीडन के आरोप में राज्यसभा के सदस्यों ने महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस सभापति को दिया था. इस प्रतिवेदन के आधार पर न्यायाधीश जांच कानून के प्रावधान के अनुरूप समिति गठित होने के बावजूद न्यायमूर्ति गंगले ने इस्तीफा देने की बजाय जांच का सामना करना उचित समझा. दो साल तक चली जांच में यौन उत्पीडन का एक भी आरोप साबित नहीं हो सकने के कारण महाभियोग प्रस्ताव सदन में पेश नहीं हो सका.

7 दलों ने दिया था CJI दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस
बीते 20 अप्रैल को कांग्रेस और छह अन्य विपक्षी दलों ने देश के प्रधान न्यायाधीश पर ‘कदाचार’ और ‘पद के दुरुपयोग’ का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का नोटिस दिया था. महाभियोग प्रस्ताव पर कुल 71 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए थे, जिनमें सात सदस्य सेवानिवृत्त हो चुके हैं. महाभियोग के नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में कांग्रेस, राकांपा, माकपा, भाकपा, सपा, बसपा और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सदस्य शामिल थे. यह कदम प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाली उच्चतम न्यायालय की एक पीठ द्वारा उन याचिकाओं को खारिज किये जाने के एक दिन बाद आया, जिनमें विशेष सीबीआई न्यायाधीश बी एच लोया की मृत्यु की स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी.


Source:-Zeenews

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Saturday 21 April 2018

सरकारी बंगला खाली करने पर बोले तेजस्वी यादव- 'यह राजनीति का स्तर है-कभी सुरक्षा कभी बंगला'

पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में विपक्ष नेता तेजस्वी यादव का बंगला खाली करने का मामला दिनों-दिन तूल पकड़ता जा रहा है. शनिवार (21 अप्रैल) को तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा, 'यह राजनीति का स्तर है- कभी सुरक्षा कभी बंगला.' उन्होंने कहा, 'कैबिनेट में विपक्ष का नेता होने के कारण मेरे भी स्टेट्स है.' सुशील मोदी को जो बंगला आवंटित किया गया है, 'वो पहले मुझे आवंटित किया गया था. जब मैंने बंगला खाली नहीं किया तो किसी वह किसी अन्य को कैसे दिया जा सकता है.'

भवन निर्माण विभाग ने दिया खाली कराने के आदेश
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 20 अप्रैल को भवन निर्माण विभाग ने तेजस्वी का बंगला खाली करने के लिए जिला प्रशासन को एक खत लिखा. इस खत में स्पष्ट रूप से लिखा गया है कि अगर तेजस्वी यादव शांति प्रक्रिया से बंगला नहीं खाली करते हैं तो, प्रशासनिक अधिकारी बल का प्रयोग कर सकते हैं.

10 अप्रैल को भेजा गया था तेजस्वी को नोटिस
जानकारी के मुताबिक भवन निर्मण विभाग की ओर से 10 अप्रैल को तेजस्वी को बंगला खाली करने का आदेश दिया गया था. भवन निर्माण विभाग की ओर से कहा गया था कि बिहार का उपमुख्यमंत्री होने के नाते यह बंगला सुशील मोदी को आंवटित किया जाना चाहिए.

शक्ति यादव ने बताया सरकार को तानाशाह
इस मुद्दे पर एक बार फिर प्रदेश में राजनीतिक माहौल गर्मा गया है. आरजेडी नेता शक्ति यादव ने इसे नीतीश सरकार की तानाशाही बताया है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक रूप से नेता प्रतिपक्ष को मंत्री का दर्जा मिला हुआ है. यह बंगला मंत्री को आवंटित होता है.

Source:-Zeenews

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Thursday 19 April 2018

दिल्लीः PCR पर तैनात ASI ने खुद को मारी गोली, हालत गंभीर

राजधानी दिल्ली के भलस्वा डेयरी इलाके में गुरुवार की सुबह पीसीआर में तैनात एक ASI ने खुदकुशी करने के मकसद से खुद को गोली मार ली. बताया जा रहा है कि ASI ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली. उन्हें गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

दिल्ली पुलिस की पीएसआर में तैनात एएसआई धर्मवीर खत्री अपने परिवार के साथ अलीपुर इलाके में रहते हैं. गुरुवार की सुबह करीब 7 बजे धर्मवीर खत्री भलस्वा डेयरी इलाके में तैनात पीसीआर पर तैनात थे. वहीं गुरुद्वारे के पास सरस्वती पब्लिक स्कूल एरिया में पीसीआर वैन गश्त कर रही थी.

जांच के मुताबिक एएसआई धर्मवीर के अन्य पुलिसकर्मी साथी फ्रेश होने के लिए शौचालय गए थे. इसी दौरान धर्मवीर ने खुद को गोली मार ली. गोली गर्दन से निचले हिस्से में लगी. घायल धर्मवीर को फौरन एक सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां से डॉक्टरों ने उन्हें फौरन शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल में रेफर कर दिया.

उनके परिवार को पहले ही घटना की सूचना दे दी गई थी. अब परिवार के लोग उनके साथ हॉस्पिटल में मौजूद हैं. उनके सभी परिजन और पुलिस यही जानना चाहते हैं कि एएसआई धर्मवीर ने खुद को गोली किस दबाव में मारी? पुलिस इस घटना की जांच पड़ताल कर रही है.


Source:-Aajtak

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Thursday 12 April 2018

नीरव मोदी विदेशी संपत्तियों में कर रहा फेरबदल, अमेरिकी नागरिक को जोड़ा साथ

पंजाब नेशनल बैंक के 13,000 करोड़ रुपए लोन घोटाले का कथित मुख्य आरोपी नीरव मोदी बेशक कानूनी कार्रवाई के डर से भागता फिर रहा है लेकिन ये भगोड़ा हीरा कारोबारी हांगकांग में बैठकर गुप्त रणनीति को अंजाम दे रहा हो सकता है. इंडिया टुडे की जांच से खुलासा हुआ है कि नीरव मोदी की ओर से नियंत्रित कम से कम तीन विदेशी फर्मों में बड़ा बदलाव किए जाना संभव हो सकता है.

यूके में अलग नाम से बिजनेस

नीरव मोदी का यूके में जूलरी डिजाइनिंग कारोबार अहम तौर पर नीरव मोदी लिमिटेड की ओर से चलाया जाता है. वहीं हांगकांग में उसका कारोबार फायरस्टार डायमंड लिमिटेड और नीरव मोदी लिमिटेड की ओर से चलाया जाता है. नीरव मोदी इन तीनों कंपनियों पर एक और कंपनी फायरस्टार होल्डिंग्स लिमिटेड के माध्यम से नियंत्रण रखता है. वहीं इस फायरस्टार होल्डिंग्स लिमिटेड को मोदी की भारत स्थित कंपनी फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड देखती है.   

वहीं मिहिर भंसाली का नाम मोदी की अमेरिका स्थित कंपनी फायरस्टार डायमंड इंक के इकलौते निदेशक के तौर पर दर्ज है. जिसकी ओर से न्यू यॉर्क कोर्ट में दीवालिया कार्रवाई के लिए आवेदन किया गया है. 

इसी तरह अजय गांधी फायरस्टार डायमंड इंक का सीईओ/सीएफओ है. गांधी और भंसाली, दोनों ने, यूके स्थित नीरव मोदी लिमिटेड के कंपनी बोर्ड से 9 मार्च को इस्तीफे दिए. 

हांगकांग स्थित फायरस्टार डायमंड में एल्लीकॉक के इकलौते निदेशक बनने से पहले तक बंकिम मेहता का नाम भी इस कंपनी के निदेशक के तौर पर दर्ज था. इन कंपनियों में से किसी के शेयरहोल्डिंग स्ट्रक्चर में कोई बदलाव हुआ है या नहीं ये तभी पता चल पाएगा जब इनकी ओर से वार्षिक रिटर्न दाखिल की जाएगी. 

स्वतंत्र रूप से काम करने वाले दिल्ली स्थित कंपनी सेक्रेटरी रवि भूषण ने इंडिया टुडे को बताया, ऐसा लगता है कि भारत का सर्वाधिक वांछित ज्वैलथीफ नीरव मोदी यूके और हांगकांग स्थित अपनी संपत्तियों को सुरक्षित करने के लिए ये सब कर रहा हो. कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जांच से बचने के लिए कारोबारों की ओर से आम तौर पर इसी तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. 

नीरव मोदी जब अपने ठिकाने बदलता भाग रहा है, ऐसे में एक अमेरिकी नागरिक को तीन विदेशी कंपनियों का इकलौता निदेशक चुने जाना खुद ही संदेह खड़े करता है. इसके अलावा कंपनियों में टॉप मैनेजमेंट में बदलाव के लिए जो वक्त चुना गया है वो भी संदिग्ध है क्योंकि फायरस्टार डायमंड इंक पहले ही दीवालिया कार्रवाई के लिए अपील दाखिल कर चुकी है. इस अपील से जुडी बिक्री सुनवाई न्यू यॉर्क में 15 अप्रैल को तय है. वहीं नीलामी 3 मई को होगी.

Source:-Aajtak

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Tuesday 10 April 2018

चंपारण में PM मोदी ने पढ़े कसीदे- नीतीश जी, आपका धैर्य तारीफ के काबिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मोतिहारी में चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की. पीएम बोले कि नीतीश जी की अगुवाई में बिहार लगातार आगे बढ़ रहा है. लेकिन दूसरी तरफ नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में शांति का संदेश दिया.

पढ़ें नीतीश की तारीफ में क्या बोले प्रधानमंत्री...

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नीतीश जी और सुशील जी के नेतृत्व में बिहार ने जो कार्य बीते दिनों करके दिखाया है, उसने सभी का हौसला बढ़ा दिया है. बिहार एक मात्र ऐसा राज्य था, जहां स्वच्छता का दायरा 50% से कम था  लेकिन मुझे बताया गया कि एक हफ्ते के स्वच्छाग्रह अभियान के बाद बिहार ने इस बैरियर को तोड़ दिया.

बिहार से लगातार आई हिंसा की खबरें

आपको बता दें कि हाल ही में 2 अप्रैल को SC/ST एक्ट के खिलाफ हुई हिंसा में बिहार में काफी हंगामा हुआ था. वहीं मंगलवार को भी आरक्षण के विरोध में भी बिहार में काफी हिंसा हुई है. इसके अलावा रामनवमी के मौके पर निकाले गए जुलूस के बाद से बिहार में काफी हिंसा हुई थी जिसको लेकर बिहार सरकार निशाने पर आई थी. रामनवमी जुलूस के बाद फैली हिंसा में कई लोगों की मौत हुई थी और काफी दिनों तक कई जिलों में आगजनी-तोड़फोड़ हुई थी.

और क्या बोले प्रधानमंत्री...

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि पिछले सौ वर्ष में भारत की 3 बड़ी कसौटियों के समय बिहार ने देश को रास्ता दिखाया है, जब देश गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था, तो बिहार ने गांधी जी को महात्मा बना दिया, बापू बना दिया.

PM बोले कि चलो चंपारण के नारे के साथ, हजारों स्वच्छाग्रही यहां जुटे हैं. आपके इस उत्साह, इस उमंग, इस ऊर्जा को, राष्ट्र निर्माण के प्रति आपकी आतुरता को, बिहार के लोगों की अभिलाषा को, मैं प्रणाम करता हूं, नमन करता हूं.

Source:-Aajtak

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Sunday 8 April 2018

RBI ने नहीं बदली ब्याज दरें, सस्ते कर्ज का इंतजार और बढ़ा

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार चौथी बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. पिछली तीन नीतिगत बैठकों में रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों के मोर्चे पर यथास्थिति कायम रखी है. पिछले साल अगस्त में रेपो दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर छह प्रतिशत किया गया था, जो इसका छह साल का निचला स्तर है.

छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति की बैठक ऐसे समय में हुई है, जब सरकार ने जोर देकर कहा है कि 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा आम बजट के संशोधित अनुमान से कम रहेगा.

मजबूत होगी जीडीपी:

जीडीपी ग्रोथ को लेकर आरबीआई ने सकारात्मक रुख अपनाया है. 2017-18 के 6.6 फीसदी के मुकाबले 2018-19 में जीडीपी की रफ्तार 7.4 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है.

आरबीआई ने कहा कि इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह 7.3 फीसदी से 7.6 फीसदी के बीच रह सकती है. इस दौरान इकोनॉमी के सामने खड़ी चुनौतियां भी संतुलित रहेंगी.

बिटकॉइन पर बड़ा एक्शन:

भारतीय रिजर्व बैंक ने बिटकॉइन पर लगाम कसने के लिए बड़ा फैसला लिया है. आरबीआई ने साफ किया है कि त्वरित प्रभाव से आरबीआई उन संस्थाओं, कारोबारियों और व्यक्तियों को कोई सेवा नहीं देगा, जो बिटकॉइन में डील करते हैं.

Source:-Aajtak

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Saturday 7 April 2018

यूपी पुलिस के 13 अधिकारियों पर डकैती और गोली मारने का आरोप, कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज

उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने 13 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ डकैती और गोली मारने के आरोप में केस दर्ज किया है. यूपी पुलिस ने ये कार्रवाई कोर्ट के आदेश पर की है. जिन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, उनमें SWAT टीम के मुखिया और थानाध्यक्ष भी शामिल हैं.

इन 13 पुलिस अधिकारियों पर आरोप है कि इन लोगों ने फर्रुखाबाद जिले के एक घर में गोलीबारी की और फर्जी मुठभेड़ को अंजाम दिया, जिसमें एक लड़के के पैर में गोली लगी. ये घटना 21 फरवरी की है, जिसके बाद परिवार वालों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट के आदेश पर यूपी पुलिस को अपने ही अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज करना पड़ा है.

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल में इंडिया टुडे के साथ खास बातचीत में दावा किया था कि यूपी में उनके कार्यकाल के दौरान एक भी फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई. योगी आदित्यनाथ ने कहा था, ‘एक भी फर्जी एनकाउंटर नहीं हुआ. मैं यूपी में हर किसी की सुरक्षा की गारंटी लेता हूं. अपराधियों, देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों को यूपी में कानून का डर होना चाहिए. हम नतीजे भी देख रहे हैं.’

Source:-Aajtak

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Friday 6 April 2018

जानें क्यों बरी हो गए सैफ अली खान, वहीं फंस गए सलमान खान

जोधपुर: जोधपुर की एक अदालत ने बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को दो काले हिरणों का शिकार करने के मामले में गुरुवार को पांच साल कारावास की सजा सुनाई जिसके बाद उन्हें जोधपुर केन्द्रीय कारागार ले जाया गया. अभियोजन पक्ष के वकील ने बताया कि अदालत ने इस मामले में आरोपी अन्य कलाकारों सैफ अली खान, सोनाली बेन्द्रे, तब्बू और नीलम तथा एक स्थानीय निवासी दुश्यंत सिंह को‘‘ संदेह का लाभ’’ देते हुए बरी कर दिया.

उधर, सलमान खान (52) को अदालत परिसर से पुलिस वाहन में जोधपुर केन्द्रीय कारागार ले जाया गया. चूंकि सलमान को तीन वर्ष से ज्यादा की सजा हुई है, इसलिए उन्हें जमानत के लिए ऊपरी अदालत में अर्जी देनी होगी. सलमान को चौथी बार जोधपुर केन्द्रीय कारागार ले जाया गया है. इससे पहले वह कुल 18 दिनों के लिए तीन बार वर्ष 1998, 2006 और2007 में भी जोधपुर जेल में रह चुके हैं.

सलमान पर आरोप था कि उन्होंने जोधपुर के निकट कांकाणी गांव के भागोडा की ढाणी में दो काले हिरणों का शिकार किया. यह घटना‘ हम साथ साथ है’’ फिल्म की शूटिंग के दौरान अक्टूबर 1998 की है. काली शर्ट पहने सलमान आज सुबह अपने अंगरक्षक के साथ अदालत पहुंचे थे. फैसला सुनाए जाने के वक्त अन्य आरोपी सिने कलाकार भी अदालत कक्ष में मौजूद थे. कुछ के परिजन भी साथ आए थे.

Source:-Zee News

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing 

Thursday 5 April 2018

जब अमित शाह ने सभा में पूछा, बताइये मेरे बाद भाजपा अध्यक्ष कौन होगा? तो...

जम्मू: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कांग्रेस में विचारधारा का अभाव बताते हुए कहा कि जो पार्टी एक परिवार के हितों तक सीमित है, वह देश के हित में काम नहीं कर सकती.

शाह ने 'वंशवाद' के शासन पर हमला बोलते हुए अपना उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि जब 1982 में वह पार्टी से जुड़े तो उस समय उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी, लेकिन आज वह पार्टी अध्यक्ष हैं.

शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पार्टी के पहली पीढ़ी के नेता थे और उनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं थी. यह आंतरिक लोकतंत्र है.

उन्होंने कहा कि क्या कोई मुझे बता सकता है कि मेरे बाद भाजपा अध्यक्ष कौन होगा? कोई नहीं बता सकता. लेकिन कोई भी यह आसानी से बता सकता है कि कांग्रेस में सोनिया गांधी के बाद अध्यक्ष कौन होगा? 

View More About Our Services:-Mobile Database number Provider and Digital Marketing