Saturday 16 June 2018

दरभंगा की अनम दे रही है विश्व को शांति का संदेश, इजराइल-फिलिस्तिन संघर्ष विराम के लिए भी दिया सुझाव

दरभंगा : बिहार के दरभंगा की अनम बंदिशों को तोड़ छोटी सी उम्र में ही विश्व को अमन का संदेश दे रही है. दरभंगा शहर की रहने वाली और द इंग्लिश एंड फॉरेन लैंग्वेजज यूनिवर्सिटी हैदराबाद से अंग्रेजी की शोध छात्रा अमन, इजराइल की 70वीं वर्षगांठ पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने इजराइल-फिलिस्तीन की समस्या के समाधान में साहित्य और संवाद की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया.

इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा कहे गए एक पंक्ति का उदाहरण दिया, जिसमें उन्होंने कहा था, 'यू कैन चेंज योर हिस्ट्री नॉट जोगरफी, यू कैन चेंज फ्रेंड्स नॉट नेवर्स'. अनम का यह संदेश उन मुल्कों के लिए था, जिनके बीच तनाव का माहौल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में इजराइल-भारत के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सर्विस शुरू की गई है.

पीएम मोदी की विदेश नीति की भी सराहना
ईद के अवसर पर दरभंगा लौटी अनम ने पूरे यात्रा के बारे में परिवार वालों और मीडिया के साथ साझा किया. इस दौरान उसने पीएम मोदी की विदेश नीति की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि आज विदेशों में भारत के प्रति मान बढ़ा है और नजरिया बदला है. अनम ने खुद को इसका उदाहरण बताया. इस बदले हुए माहौल का श्रेय पीएम मोदी को दिया.

'अनम ने मिथिला का नाम रोशन किया'
अनम के पिता डॉ एम नेहाल महिला प्रौद्योगिकी संस्थान दरभंगा के निदेशक हैं और मां हाउस वाइफ हैं. नेहाल दंपत्ति की दो बेटियां है. अनम छोटी है. अनम के विश्व शांति के रास्ते को परिवार के लोग भी समर्थन कर रहे हैं. परिवार को लोगों ने कहा कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' नारे को साथर्कता मिल रही है. माता-पिता अपनी बेटी की उपलब्धि से काफी खुश हैं और खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बेटी ने मिथिला का नाम रोशन किया. ईद की खुशी दोगुनी हो गई है.

अनम का शोध पत्र यहूदी लेखक सैंडी तोलान की 2006 में प्रकाशित बेस्ट सेलर बुक 'इ लेमन ट्री' पर आधारित है. इस किताब में लेखक ने इजराइल-फिलिस्तीन की परिस्थितियों का जीवंत चित्रण करते हुए साझा भविष्य की ओर संकेत किया है. अनम ने इस पुस्तक के आधार पर अपना शोध पत्र तैयार किया है. अनम की इच्छा है कि वो आगे भी विश्व शांति का पैगाम देती रहे, वो चाहे तनाव वाले देश भारत-पाकिस्तान हो या फिर उतर-दक्षिण कोरिया. वह साहित्य और संवाद को शांति का रास्ता मानती है. अनम का कहना है कि यह युद्ध के बीच में भी किया जा सकता है.

Source:-ZEENEWS

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